भारत सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वीं वेतन आयोग की खबरें जोर पकड़ रही हैं। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद करीब 9 साल से कर्मचारियों को अगली वेतन वृद्धि का इंतजार था। अब रिपोर्ट्स के अनुसार 8वीं वेतन आयोग के अंतर्गत वेतन और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है। सरकार ने इस आयोग के गठन की तैयारियां शुरू कर दी हैं और उम्मीद है कि इसकी सिफारिशें 2025 के अंत तक आ जाएंगी। उसके बाद इसे जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। इस आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक मजबूती मिलेगी और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
8th Pay Commission
8वीं वेतन आयोग सरकार द्वारा स्थापित एक समिति है जो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार के लिए सिफारिशें करती है। यह आयोग हर 10 साल बाद गठित होता है ताकि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और महंगाई के अनुसार वेतन संरचना को बेहतर बनाया जा सके। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें करीब 2016 में लागू की गई थीं और अब 8वीं वेतन आयोग आने वाला है जो वेतन में अगले बड़े इजाफे की राह बनाएगा। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर वेतनमान देना और देश की आर्थिक स्थिति के अनुसार उनके जीवन स्तर में सुधार करना होता है।
8वीं वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि की संभावना
विशेषज्ञ रिपोर्टों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.8 से लेकर 2.46 तक हो सकता है। फिटमेंट फैक्टर का मतलब होता है, मौजूदा वेतन को बढ़ाने वाला अनुपात जिससे नए वेतन का निर्धारण होता है। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में लगभग 13% से लेकर 54% तक की वृद्धि हो सकती है। कोटक इंस्टीट्यूशनल रिपोर्ट के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 1.8 रहने पर कर्मचारियों को करीब 13% की वृद्धि मिलेगी जबकि 2.15 फिटमेंट फैक्टर पर यह 34% तक हो सकती है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा बेसिक वेतन 50,000 रुपए है, तो 1.82 के फिटमेंट फैक्टर पर यह बढ़कर लगभग 91,000 रुपए हो सकता है। इसी तरह, 2.15 फिटमेंट फैक्टर पर वेतन 1,07,500 रुपए तक पहुंच सकता है। यह वेतन बढ़ोतरी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता (HRA), महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्तों पर भी प्रभाव डालेगी जिससे कुल वेतन में अच्छा इजाफा होगा।
वेतन वृद्धि का सरकार और अर्थव्यवस्था पर असर
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव आएगा। विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि इस बढ़ोतरी का असर देश की GDP पर 0.6% से 0.8% तक हो सकता है। सरकार को अतिरिक्त 2.4 से 3.2 लाख करोड़ रुपए तक खर्च बढ़ सकते हैं। हालांकि, वेतन बढ़ने से कर्मचारियों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता वस्त्र और अन्य क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को लाभ होगा और निवेश तथा बचत में भी वृद्धि संभावना है।
कौन-कौन लाभान्वित होंगे?
8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों सहित रक्षा क्षेत्र के कर्मियों और उनके पेंशनर्स को भी लाभ पहुंचाएंगी। कुल मिलाकर लगभग 1 करोड़ से अधिक लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में यह आयोग मदद करेगा। विशेष रूप से ग्रेड सी और डी वर्ग के कर्मचारियों को ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है क्योंकि न्यूनतम वेतन में भी भारी इजाफा होने की संभावना है, जो लगभग 18,000 रुपए से बढ़कर 30,000 से 44,000 रुपए के बीच हो सकता है।
निष्कर्ष
8वीं वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की आशा है। यह वृद्धि कर्मचारियों की जीवनशैली सुधारने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सहायक होगी। हालांकि आयोग के गठन और सिफारिशों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार अभी बाकी है, लेकिन सरकारी कर्मियों के लिए यह खुशखबरी निश्चित ही एक बड़ा लाभ लेकर आएगी। उनके वेतन में बढ़ोतरी देश की आर्थिक स्थिति के अनुकूल होगी और साथ ही सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में भी सुधार होगा।